कविता :जाग उठ है किसान (अजय बरबरिया)

  • माघ ७, २०७६
  • ८४४ पटक पढिएको
  • नरेश बर्ब्रिया
alt

जे हमरे दाना पानी से गल्फर फुलावे २

उहे सामान्त सब हमरे पे करे अत्याचार

किसानक मेहनत के कोइ नै करै सम्मान

किसानक मोल भेल माटी बराबर

हर बहे से खर खाई बकरी खाई अचार

समान्त सोशक सव एनाही किसान पर करै अत्याचार

जाग उठ है किसान अब न कर अबेरा

नै त इ समान्त शोषक सब करतो तोरा पर

बार बार अत्याचार ।अत्याचार

लेखक: अजय कुमार बरबरिया

 

 
 

प्रतिक्रिया दिनुहोस

प्रादेशिक अस्पताल सि ...

नरेशचन्द्र बरबरिया सिरहा बैशाख ०६ गते । सदरमुकाम सिरहा स्थित प्रादेशिक अस्पतालमा दिनप्रतिदिन बढ्द ...

मिटरब्याज विरुद्ध कि ...

सिरहाटाइम्स लहान वैशाख ६ । मिटरब्याज विरुद्ध किसन मजदुर आन्दोलन, नेपाल मिथिला कमाण्ड सिरहा जिल्ला सम ...

लहान एफ.सी.ले जित्यो ...

ओम प्रकाश यादव लहान, ३० चैत। सिरहाको सखुवानन्कारकटटी गाउँपालिका–१ मा आयोजित दोस्रो व ...

सिरहा टाइम्स मिडिया प्रा.लि. द्वारा संचालित सिरहा टाइम्स डटकम

free stat counter

मिडिया प्राधिकरण, मधेश प्रदेश दर्ता नं. : ००२४/०८०/०८१

मिडिया काउन्सिल, मधेश प्रदेश सूचीकरण : २७/०८०/०८१