जे हमरे दाना पानी से गल्फर फुलावे २
उहे सामान्त सब हमरे पे करे अत्याचार
किसानक मेहनत के कोइ नै करै सम्मान
किसानक मोल भेल माटी बराबर
हर बहे से खर खाई बकरी खाई अचार
समान्त सोशक सव एनाही किसान पर करै अत्याचार
जाग उठ है किसान अब न कर अबेरा
नै त इ समान्त शोषक सब करतो तोरा पर
बार बार अत्याचार ।अत्याचार
लेखक: अजय कुमार बरबरिया
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मिडिया प्राधिकरण, मधेश प्रदेश दर्ता नं. : ००२४/०८०/०८१
मिडिया काउन्सिल, मधेश प्रदेश सूचीकरण : २७/०८०/०८१
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