की हालत छै हमर किओ नई पुछै सामाचार ।
हटहट रौउदमे झर्कैत हम बनैत छी अचार ।
मानवके योनि मानवके लेल अछि एक रंगमञ्च ,
ताहि रंगमञ्चपरके छी हमहुँ एकटा कालाकार ।
अभिनयके चक्करमे तन हमर भ'गेलै बेहोस ,
किओ नई सुनि रहल अछि हमर दिलके पुकार ।
चेहरापर झुठेक' हँसि लाबिक' लोगके हँसबै छी ,
मन छटपटाई य हमर हम बनल छी लचार ।
नई अछि थाह हम कुन कसुरके भोगै छी सजाय ,
यी रंगमञ्च मानवके लेल बिन भित्ताके कारागार ।
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मिडिया प्राधिकरण, मधेश प्रदेश दर्ता नं. : ००२४/०८०/०८१
मिडिया काउन्सिल, मधेश प्रदेश सूचीकरण : २७/०८०/०८१
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